Wednesday, February 26, 2020

Dear oppressor,Sab yaad rakha jayega


तुम रात लिखको
हम चाँद लिखेंगे

तुम जेल में डालो
हम दीवार-फाँद लिखेंगे

तुम एफ-आई-आर लिखो
हम है तैयार लिखेंगे

तुम हमे क़त्ल करदो
हम बनके भूत लिखेंगे
तुम्हारे क़त्ल के सारे सबूत लिखेंगे 

तुम अदालतों से बैठकर चुटकुले लिखो
हम सड़कों-दीवारों पर इंसाफ लिखेंगे

बहरे भी सुनलें इतनी ज़ोर से बोलेंगे
अंधे भी पढ़ले इतना साफ लिखेंगे

तुम काला कमल लिखो
हम लाल गुलाब लिखेंगे

तुम ज़मीन पर जुल्म लिखों
आसमान पर इंकलाब लिखा जाएगा 

सब याद रख जाएगा 
सब कुछ याद रखा जाएगा

ताके तुम्हारे नाम पर ता-उम्र लानतें भेजी जा सके
ताके तुम्हारे मुजस्सामों पर कालिखें पोती जा सके
तुम्हारे नाम और मुजस्सामों को आबाद रखा जाएगा

सब याद रखा जाएगा 
सब याद रखा जाएगा 

~*आमिर अज़ीज़*~

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